
पैका में डॉ. रम्या आहूजा की मेजबानी हमारे लिए यह अनुभव लेकर आई कि सामग्री को गहराई से समझना वास्तव में क्या होता है। हमारी यात्रा कच्चे माल और पल्प मिल से शुरू हुई, फिर PM3 व उसकी प्रक्रिया नियंत्रण प्रणालियों तक पहुँची, असेंबली लाइन देखी और अंत में CHUK का दौरा किया। हर चरण पर उनकी शांत जिज्ञासा और व्यावहारिक सोच साफ़ झलकती रही।
फाइबर के व्यवहार, वैकल्पिक पल्प, रिकवरी दक्षता और सर्कुलैरिटी पर उनके प्रश्न अत्यंत सटीक थे और वास्तविक विनिर्माण अनुभव से जुड़े हुए थे। उन्होंने रसायन विज्ञान को स्केल-अप से, स्थिरता को दैनिक संचालन से और नवाचार को वास्तविक प्रभाव से सहज रूप से जोड़ा।
डॉ. रम्या केवल सामग्री को समझती ही नहीं हैं, बल्कि यह भी जानती हैं कि वे संयंत्र के भीतर कैसे काम करती हैं, कैसे रूपांतरित होती हैं और हमारे कार्य को कैसे दिशा देती हैं। हर कड़ी को इतनी स्पष्टता से जोड़ते हुए उन्हें देखना हम सभी के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा।