24 से 29 मई 2025 — कैलेंडर में दर्ज कुछ तारीखें थीं, लेकिन इन दिनों जो जिया, वो अब हमारे दिलों की डायरी में हमेशा के लिए दर्ज हो गया!
यह कोई आम यात्रा नहीं थी — यह प्रकृति से आत्मिक मुलाकात, साथियों से दिल की बातें, और पैका परिवार के संग ठहाकों की बरसात थी!
पहला दिन:
हम गुवाहाटी पहुँचे और स्वादिष्ट दोपहर के भोजन से दिन की शुरुआत की। उमियाम और वार्ड लेक की ठंडी हवा ने तन-मन को तरोताजा कर दिया। जब हम शिलॉन्ग के होटल विवांता पहुँचे, तो ऐसा लगा जैसे बादलों की रजाई ने हमें प्यार से लपेट लिया हो।
दूसरा दिन:
चल पड़े चेरापूंजी की ओर! गरजते एलिफेंट फॉल्स, रहस्यमयी अरवाह केव्स, मन को मोह लेने वाले नोहकलिकाई वॉटरफॉल्स और इको पार्क में गूंजती हमारी हँसी — हर पल एक खूबसूरत फिल्म जैसा लगा!
शाम रंगों में रंगी सांस्कृतिक संध्या में बदल गई, जहाँ सभी साथियों के परिवार भी हमारे साथ थे। और उस पर स्वादिष्ट रात्रिभोज ने सबका दिल जीत लिया!
तीसरा दिन:
लाईटलुम कैन्यन की जादुई घाटियों में ऐसा महसूस हुआ जैसे धरती आसमान से बातें कर रही हो।
लिंग्सियार जलप्रपात में पानी की ठंडी फुहारों के संग मस्ती, खिलखिलाहट और बेफिक्र पल — जैसे कोई सपना साकार हो गया हो।
चौथा दिन:
दिन की शुरुआत हुई उमानंदा मंदिर की शांति से, फिर ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर से रोमांचक रोपवे राइड ने दिलों की धड़कनें बढ़ा दीं!
शाम को बिहू के सुरों पर जमकर थिरकते हुए मन ने उत्सव के हर रंग को समेट लिया।
अंतिम दिन:
इस सुंदर यात्रा का समापन हुआ कामाख्या मंदिर की पवित्रता के साथ — एक आध्यात्मिक और यादगार अनुभव।
यात्रा पूरी हो गई… लेकिन यादें? उन्होंने दिल में हमेशा के लिए जगह बना ली है।
पैका क्लब द्वारा आयोजित यह जादुई यात्रा केवल मेघालय की सुंदरता नहीं दिखाया,बल्कि हमें साथ जीने और हँसने की ख़ुशी भी भेंट में दे गई।
इन मीठी यादों को आप सबके साथ बाँटकर मन आनंदित हो उठा है।
आपका अपना,
पैका क्लब