
क्या आप जानते हैं कि हर आग — चाहे छोटी हो या बड़ी — केवल तीन चीज़ों से शुरू होती है? इसे ही फायर ट्रायएंगल कहा जाता है। यह एक आसान लेकिन असरदार तरीका है यह समझने का कि आग कैसे लगती है — और सबसे ज़रूरी, कैसे बुझाई जा सकती है।
फायर ट्रायएंगल में क्या होता है?
ईंधन (Fuel), गर्मी (Heat), और ऑक्सीजन (Oxygen)
इसे ऐसे समझिए:
- ईंधन वह चीज़ होती है जो जल सकती है — जैसे लकड़ी, कागज, या ज्वलनशील तरल और गैसें। ईंधन के बिना आग को जलने के लिए कुछ नहीं मिलेगा।
- गर्मी वह चिंगारी होती है जो आग को शुरू करती है। यह आग को जलाने के लिए ज़रूरी ऊर्जा देती है।
- ऑक्सीजन आग की सांस की तरह है। यह ईंधन के साथ रिएक्शन करके आग को जलाए रखती है। अगर ऑक्सीजन हटा दी जाए तो आग खुद ही बुझ जाती है।
फायर ट्रायएंगल क्यों ज़रूरी है?
इन तीनों तत्वों को समझना आग से सुरक्षा का पहला कदम है। अगर हमें पता है कि आग कैसे बनती है, तो हम उसे रोक भी सकते हैं।
आग कैसे बुझाई जाती है?
फायर फाइटर और फायर एक्सटिंग्विशर यूं ही पानी नहीं फेंकते — वो इस ट्रायएंगल का एक हिस्सा तोड़ते हैं:
- ईंधन हटाना: आग किस चीज़ से जल रही है, उसे हटा देना — या ऐसे केमिकल का इस्तेमाल करना जो ईंधन को जलने से रोकते हैं।
- गर्मी हटाना: पानी डालकर आग को ठंडा किया जाता है, जिससे उसकी ज़रूरी गर्मी खत्म हो जाती है।
- ऑक्सीजन हटाना: आग को कंबल, मिट्टी या फोम से ढंक कर ऑक्सीजन को रोक दिया जाता है, जिससे वो दम घुटने से बुझ जाती है।
सही जानकारी = बेहतर सुरक्षा
फायर ट्रायएंगल को जानकर हम ना सिर्फ आग से बच सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर उसे बुझा भी सकते हैं — जल्दी और सुरक्षित तरीके से।