पैका ने ग्रेट प्लेस टू वर्क® फॉर ऑल समिट २०२५ में रखा अपना दृष्टिकोण: विज़न से वैल्यू तक
Great Place To Work Summit'25

मुंबई में आयोजित ग्रेट प्लेस टू वर्क® फॉर ऑल समिट २०२५ ने नेताओं को “विज़न से वैल्यू – ऐसे कार्यस्थल बनाना जो मायने रखते हैं” विषय पर एक साथ जोड़ा। सतत पैकेजिंग में अग्रणी पैका ने इस मंच पर अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई।
सस्टेनेबिलिटी के साथ शुरुआत
समिट की शुरुआत बीज-संलग्न बैज और कांच की पानी की बोतलों जैसे पर्यावरण-अनुकूल उपायों से हुई, जिससे यह संदेश दिया गया कि छोटे-छोटे कदम भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
मुख्य सत्रों की झलक
१. विज़न से वैल्यू – बलबीर सिंह ने उच्च-विश्वास वाले कार्यस्थल बनाने में उद्देश्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
२. टैलेंट रणनीति का निजीकरण – जॉयदीप रॉय और धीरज सिंह ने आंतरिक गतिशीलता के माध्यम से मानवीय क्षमता को अधिकतम करने पर चर्चा की।
३. भविष्य के कार्यस्थलों का निर्माण – प्रो. देबोलिना दत्ता ने लचीले संगठनों के निर्माण पर अपने विचार साझा किए।
४. अनुकूलन कर सफलता प्राप्त करना – हरित नागपाल ने चुनौतियों को पार कर लचीलापन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
५. वित्तीय साक्षरता एवं सशक्तिकरण – मोनीका हलान ने वित्तीय ज्ञान के प्रभाव पर चर्चा की।
६. विविधता, समावेशन और समानता (डीईआई) का वास्तविक चित्रण – एक लाइव नाटक के माध्यम से समावेशन से जुड़ी चुनौतियाँ प्रस्तुत की गईं।
७. नेतृत्व में महिलाएँ – मधुरा दासगुप्ता सिन्हा और लक्ष्मी अय्यर ने विश्वसनीय नेतृत्व पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।
८. नेतृत्व और परिवर्तन – बालफोर मैनुअल ने लॉजिस्टिक्स उद्योग में परिवर्तनकारी रणनीतियों पर चर्चा की।
९. कर्मचारी अनुभव – ज़ुबिन सक्सेना और रचना बहादुर ने बताया कि कर्मचारी कल्याण सफलता को कैसे प्रेरित करता है।
१०. गेम चेंजर्स – हर्षा भोगले ने क्रिकेट और व्यावसायिक नेतृत्व के बीच समानताओं पर रोशनी डाली।
निष्कर्ष
समिट ने इस बात को और मजबूत किया कि संस्कृति, उद्देश्य और लोगों को प्राथमिकता देने की रणनीतियाँ ही सफलता की कुंजी हैं। अब समय आ गया है कि इन सीखों को वास्तविक कार्यों में बदला जाए!