
- रेड फ्लैग अलर्ट
एक ‘नियर मिस’ यानी “बस हुआ ही था!” — यह आपके सिस्टम की चेतावनी है कि कुछ गलत हो सकता था, और अगली बार शायद हो भी जाए। - एक कदम आगे रहें
दुर्घटना का इंतज़ार क्यों करें? ‘नियर मिस’ की जांच करके हम पहले ही खतरे पहचान सकते हैं और उन्हें ठीक कर सकते हैं। यही होती है सक्रिय सुरक्षा। - जोखिम के प्रति सजगता बढ़ाएं
‘नियर मिस’ ट्रैक करने से टीम की नजरें खुलती हैं — असुरक्षित ज़ोन, जोखिम भरे व्यवहार और बेहतर फैसलों पर ध्यान जाता है। जैसे दिमाग को सुरक्षा के चश्मे मिल गए हों। - बोलें और सुरक्षित रहें
‘नियर मिस’ रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने से खुला संवाद बनता है — दोष नहीं, समाधान की बात होती है। जब लोग बोलते हैं, दुर्घटनाएं कम होती हैं। - वास्तविक डेटा, वास्तविक समझ
हर ‘नियर मिस’ अपने साथ एक कहानी लाती है। जब आप इन्हें जोड़ते हैं, तो पैटर्न नज़र आते हैं। प्रक्रिया, प्रशिक्षण और सुरक्षा में सुधार के लिए यह बेहद उपयोगी हैं। - पैसा, समय और सिरदर्द बचाएं
दुर्घटनाएं महंगी होती हैं — इलाज, मरम्मत, समय की बर्बादी। ‘नियर मिस’ रिपोर्टिंग उस लीक को समय पर पकड़ने जैसी है, जिससे पाइप फटने से पहले सब संभल जाए। - टीम को सशक्त बनाएं
जब टीम देखती है कि उनके रिपोर्ट से बदलाव होते हैं, तो उन्हें अहमियत मिलती है। इसी से कर्मचारी ‘सेफ्टी चैंपियन’ बनते हैं। - कानून के साथ चलें
कई क्षेत्रों में ‘नियर मिस’ रिपोर्टिंग कानूनी रूप से जरूरी है। इससे आप जुर्माने से बचते हैं और नियमों के दायरे में रहते हैं। - भरोसा बनाएं
‘नियर मिस’ को गंभीरता से लेना और समाधान दिखाना ग्राहकों, निरीक्षकों और बीमा कंपनियों के साथ आपका विश्वास बढ़ाता है। - गलतियों से सीखें
‘नियर मिस’ असली जिंदगी के केस स्टडी होते हैं — बिना नुकसान के सीखने का मौका। ये अनुभव आपकी टीम को और भी समझदार और सतर्क बनाते हैं।
‘नियर मिस’ असफलता नहीं हैं — ये अवसर हैं।
इन्हें पहचानें। रिपोर्ट करें। सीखें।
क्योंकि आप जिस दुर्घटना को टालते हैं — वो शायद किसी की जान बचा ले।